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CHANDRASHEKHAR VASHISTHA चंद्रशेखर वशिष्ठTRANSLATE THIS PAGE Chandrashekhar Vashistha चंद्रशेखर वशिष्ठ" तन्मे मनः शिव संकल्प मस्तु " हम सबका मन सदैव शुभ विचारो और कल्याणकारी संकल्पों से युक्त हो स्वस्तिक मंत्र या स्वस्ति मन्त्र शुभ और …TRANSLATE THIS PAGE पुरातन वैदिक सनातन संस्कृति का परम मंगलकारी प्रतीक चिह्न ‘स्वस्तिक’ अपने आप में विलक्षण है। यह देवताओं की शक्ति और मनुष्य की मंगलमय कामनाएँ इन दोनों CHANDRASHEKHAR VASHISTHA चंद्रशेखर वशिष्ठTRANSLATE THIS PAGE Chandrashekhar Vashistha चंद्रशेखर वशिष्ठ" तन्मे मनः शिव संकल्प मस्तु " हम सबका मन सदैव शुभ विचारो और कल्याणकारी संकल्पों से युक्त हो स्वस्तिक मंत्र या स्वस्ति मन्त्र शुभ और …TRANSLATE THIS PAGE पुरातन वैदिक सनातन संस्कृति का परम मंगलकारी प्रतीक चिह्न ‘स्वस्तिक’ अपने आप में विलक्षण है। यह देवताओं की शक्ति और मनुष्य की मंगलमय कामनाएँ इन दोनों CHANDRASHEKHAR VASHISTHA चंद्रशेखर वशिष्ठTRANSLATE THIS PAGE Chandrashekhar Vashistha चंद्रशेखर वशिष्ठ" तन्मे मनः शिव संकल्प मस्तु " हम सबका मन सदैव शुभ विचारो और कल्याणकारी संकल्पों से युक्त हो स्वस्तिक मंत्र या स्वस्ति मन्त्र शुभ और …TRANSLATE THIS PAGE स्वस्तिक हिन्दू धर्म का प्रतिक चिन्ह हैं और कई पीढ़ियों से इस्तेमाल में हैं। स्वस्तिक मंत्र या स्वस्ति मन्त्र शुभ और शांति के लिए प्रयुक्त होताहै
CHANDRASHEKHAR VASHISTHA चंद्रशेखर वशिष्ठTRANSLATE THIS PAGE Chandrashekhar Vashistha चंद्रशेखर वशिष्ठ" तन्मे मनः शिव संकल्प मस्तु " हम सबका मन सदैव शुभ विचारो और कल्याणकारी संकल्पों से युक्त हो स्वस्तिक मंत्र या स्वस्ति मन्त्र शुभ और …TRANSLATE THIS PAGE पुरातन वैदिक सनातन संस्कृति का परम मंगलकारी प्रतीक चिह्न ‘स्वस्तिक’ अपने आप में विलक्षण है। यह देवताओं की शक्ति और मनुष्य की मंगलमय कामनाएँ इन दोनों हिंद्कुश 24*7 news portal news analysis & review सर्वेभवन्तुसुखिनः सर्वेसंतुनिरामयाः CHANDRASHEKHAR VASHISTHA चंद्रशेखर वशिष्ठTRANSLATE THIS PAGE Chandrashekhar Vashistha चंद्रशेखर वशिष्ठ" तन्मे मनः शिव संकल्प मस्तु " हम सबका मन सदैव शुभ विचारो और कल्याणकारी संकल्पों से युक्त हो स्वस्तिक मंत्र या स्वस्ति मन्त्र शुभ और …TRANSLATE THIS PAGE पुरातन वैदिक सनातन संस्कृति का परम मंगलकारी प्रतीक चिह्न ‘स्वस्तिक’ अपने आप में विलक्षण है। यह देवताओं की शक्ति और मनुष्य की मंगलमय कामनाएँ इन दोनों हिंद्कुश 24*7 news portal news analysis & review सर्वेभवन्तुसुखिनः सर्वेसंतुनिरामयाः CHANDRASHEKHAR VASHISTHA चंद्रशेखर वशिष्ठTRANSLATE THIS PAGE Chandrashekhar Vashistha चंद्रशेखर वशिष्ठ" तन्मे मनः शिव संकल्प मस्तु " हम सबका मन सदैव शुभ विचारो और कल्याणकारी संकल्पों से युक्त हो स्वस्तिक मंत्र या स्वस्ति मन्त्र शुभ और …TRANSLATE THIS PAGE स्वस्तिक हिन्दू धर्म का प्रतिक चिन्ह हैं और कई पीढ़ियों से इस्तेमाल में हैं। स्वस्तिक मंत्र या स्वस्ति मन्त्र शुभ और शांति के लिए प्रयुक्त होताहै
CHANDRASHEKHAR VASHISTHA चंद्रशेखर वशिष्ठTRANSLATE THIS PAGE Chandrashekhar Vashistha चंद्रशेखर वशिष्ठ" तन्मे मनः शिव संकल्प मस्तु " हम सबका मन सदैव शुभ विचारो और कल्याणकारी संकल्पों से युक्त हो स्वस्तिक मंत्र या स्वस्ति मन्त्र शुभ और …TRANSLATE THIS PAGE पुरातन वैदिक सनातन संस्कृति का परम मंगलकारी प्रतीक चिह्न ‘स्वस्तिक’ अपने आप में विलक्षण है। यह देवताओं की शक्ति और मनुष्य की मंगलमय कामनाएँ इन दोनों हिंद्कुश 24*7 news portal news analysis & review सर्वेभवन्तुसुखिनः सर्वेसंतुनिरामयाः CHANDRASHEKHAR VASHISTHA चंद्रशेखर वशिष्ठTRANSLATE THIS PAGE Chandrashekhar Vashistha चंद्रशेखर वशिष्ठ" तन्मे मनः शिव संकल्प मस्तु " हम सबका मन सदैव शुभ विचारो और कल्याणकारी संकल्पों से युक्त हो स्वस्तिक मंत्र या स्वस्ति मन्त्र शुभ और …TRANSLATE THIS PAGE पुरातन वैदिक सनातन संस्कृति का परम मंगलकारी प्रतीक चिह्न ‘स्वस्तिक’ अपने आप में विलक्षण है। यह देवताओं की शक्ति और मनुष्य की मंगलमय कामनाएँ इन दोनों हिंद्कुश 24*7 news portal news analysis & review सर्वेभवन्तुसुखिनः सर्वेसंतुनिरामयाः CHANDRASHEKHAR VASHISTHA चंद्रशेखर वशिष्ठTRANSLATE THIS PAGE Chandrashekhar Vashistha चंद्रशेखर वशिष्ठ" तन्मे मनः शिव संकल्प मस्तु " हम सबका मन सदैव शुभ विचारो और कल्याणकारी संकल्पों से युक्त हो स्वस्तिक मंत्र या स्वस्ति मन्त्र शुभ और …TRANSLATE THIS PAGE स्वस्तिक हिन्दू धर्म का प्रतिक चिन्ह हैं और कई पीढ़ियों से इस्तेमाल में हैं। स्वस्तिक मंत्र या स्वस्ति मन्त्र शुभ और शांति के लिए प्रयुक्त होताहै
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शुभ दीपावली श्री महालक्ष्मी पूजाNovember 14, 2020
शुभ दीपावली श्री महालक्ष्मी पूजा ॐ श्री गं गणपतये नमः गणानां त्वा गणपतिं हवामहे प्रियाणां त्वा प्रियपतिं हवामहे निधिनां त्वा निधिपतिं हवामहे वसो मम। अहमजानि गर्भधमा त्वमजासि गर्भधम्।। (यजुर्वेद 23/19) जय श्री महाकाल ॐ वन्दे देव उमापतिं सुरगुरुं, वन्दे जगत्कारणम्। वन्दे पन्नगभूषणं मृगधरं, वन्दे पशूनां पतिम्।। वन्दे सूर्य शशांक वह्नि नयनं, वन्दे मुकुन्दप्रियम्। वन्दे भक्त जनाश्रयं च वरदं, वन्दे शिवंशंकरम्।। स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः। स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥ ॐ पयः पृथिव्यां पय औषधीषु पयो दिव्यन्तरिक्षे पयो धाः ।पयस्वतीः प्रदिशः सन्तु मह्यम् ॥ विष्णो रराटमसि विष्णोः श्नप्त्रे स्थो विष्णोः स्यूनसि विष्णोर्ध्रुवोऽसि । वैष्णवमसि विष्णवे….SHARE THIS:
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श्री देवी कवचंNovember 5, 2020
जय माँ हो श्री हरसिद्धि देवी सदा प्रसन्न !! ॐ नमश्चण्डिकायै मार्कण्डेय उवाच ॐ यद्गुह्यं परमं लोके सर्वरक्षाकरं नृणाम् । यन्न कस्यचिदाख्यातं तन्मे ब्रूहि पितामह ॥ १॥ ब्रह्मोवाच अस्ति गुह्यतमं विप्र सर्वभूतोपकारकम् । देव्यास्तु कवचं पुण्यं तच्छृणुष्व महामुने ॥ २॥ प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी । तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम् ॥ ३॥ पञ्चमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च । सप्तमं कालरात्रिति महागौरीति चाष्टमम् ॥ ४॥ नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गाः प्रकीर्तिताः । उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्मणैव महात्मना ॥ ५॥ अग्निना दह्यमानास्तु शत्रुमध्यगता रणे । विषमे दुर्गमे चैव भयार्ताः शरणं गताः ॥ ६। न तेषां जायते किञ्चिदशुभं रणसङ्कटे । नापदं तस्य पश्यामि शोकदुःखभयं न….SHARE THIS:
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अश्विनी नक्षत्रOctober 17, 2019
अश्विनी नक्षत्रों में सबसे पहला नक्षत्र (जिसमें तीन तारे होते हैं) एक अप्सरा जो बाद में अश्विनी कुमारों की माता मानी जोने लगी सूर्य पत्नी जो कि घोड़ी के रूप में छिपी हुई थी। सूर्य की पत्नी अश्विनी के यमराज पुत्र। जीवन को व्यवस्थित करने के लिए यदि हम अंतरिक्ष का सहारा लेते हैं, ग्रह-नक्षत्रों पर आश्रित होतें हैं तो इसी परा ज्ञान को ज्योतिष विद्या कहते हैं। मानव शरीर दस अवस्थाओं में विभक्त है भ्रूण शिशु किशोर तरूण गृहस्थ प्रवासी भृतक प्रौढ जरठ एवं मुमूर्षु। इन विभिन्न अवस्थाओं से होता हुआ यही शरीर पूर्णता को प्राप्त….SHARE THIS:
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वशिष्ठ ऋषि और उनकी वंशपरंपरा
August 23, 2019
वसिष्ठ वैदिक काल के विख्यात ऋषि थे। वसिष्ठ एक सप्तर्षि हैं – यानि के उन सात ऋषियों में से एक जिन्हें ईश्वर द्वारा सत्य का ज्ञान एक साथ हुआ था और जिन्होंने मिलकर वेदों का दर्शन किया (वेदों की रचना की ऐसा कहना अनुचित होगा क्योंकि वेद तो अनादि है)। उनकी पत्नी अरुन्धती है। वह योग-वासिष्ठ में राम के गुरु हैं। वसिष्ठ राजा दशरथ के राजकुल गुरु भी थे। आकाश में चमकते सात तारों के समूह में पंक्ति के एक स्थान पर वशिष्ठ को स्थित माना जाता है। दूसरे (दाहिने से) वशिष्ठ और उनकी पत्नी अरुंधती को दिखाया गया है।….SHARE THIS:
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परमहंस योगानन्द (5 जनवरी 1893 – 7 मार्च 1952)एक महान आध्यात्मिक गुरू, योगी, संत, लेखक, दिव्यादृष्टा विचारकNovember 16, 2018
Let my soul smile through my heart and my heart smile through my eyes, that I may scatter rich smiles in sad hearts परमहंस योगानन्द (5 जनवरी 1893 – 7 मार्च 1952), बीसवीं सदी के एक महान आध्यात्मिक गुरू, योगी, संत, लेखक, दिव्यादृष्टा विचारक थे। उन्होंने अपने अनुयायियों को क्रिया योग उपदेश दिया तथा पूरे विश्व में उसका प्रचार तथा प्रसार किया। योगानंद के अनुसार क्रिया योग ईश्वर से साक्षात्कार की एक प्रभावी विधि है, जिसके पालन से अपने जीवन को संवारा और ईश्वर की ओर अग्रसर हुआ जा सकता है। योगानन्द प्रथम भारतीय गुरु थे जिन्होने अपने जीवनके….
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सनातन दस महाविद्या पूजाOctober 12, 2018
ॐ श्रीं ॐ गजाननं भूतगणादि सेवितं, कपित्थ जम्बूफलसार भक्षितम् , उमासुतं शोक विनाशकारणं, नमामि विघ्नेश्वर पादपङ्कजम् ॥ ॐ ब्रह्मानन्द परम सुखदं, केवलं ज्ञानमूर्तिं, द्वन्द्वातीतं गगनसदृशं, तत्त्वमस्यादिलक्ष्यम्। एकं नित्यं विमलमचलं, सर्वधीसाक्षिभूतं, भावातीतं त्रिगुणरहितं, सद्गुरू तं नमामि॥ अखण्डानन्दबोधाय, शिष्यसंतापहारिणे। सच्चिदानन्दरूपाय, तस्मै श्री गुरवे नमः ॐ गुरुर्ब्रह्मा गुुरुर्विष्णुः, गुरुरेव महेश्वरः। गुरुरेव परब्रह्म, तस्मै श्री गुरवे नमः ॥ अखण्डमण्डलाकारं, व्याप्तं येन चराचरम्। तत्पदं दर्शितं येन, तस्मै श्री गुरवे नमः ॐ आयातु वरदे देवि! त्र्यक्षरे ब्रह्मवादिनि। गायत्रिच्छन्दसां….SHARE THIS:
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वेद एवं उपनिषदों के महा मंत्र ज्ञान के अजस्त्र स्त्रोत महासागरOctober 6, 2018
। सं गच्छध्वम् सं वदध्वम्।। (ऋग्वेद 10.181.2) अर्थात: साथ चलें मिलकर बोलें। उसी सनातन मार्ग का अनुसरण करो जिस पर पूर्वज चले हैं। प्रथम श्लोक… श्लोक : ।।ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।। -ऋग्वेद अर्थ : उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अंत:करण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे। इस मंत्र या ऋग्वेद के पहले वाक्य का निरंतर ध्यान करते रहने से व्यक्ति की बुद्धि में क्रांतिकारी परिवर्तन आ जाता है। उसका जीवन अचानक ही बदलना शुरू हो जाता है। यदि व्यक्ति किसी भी….SHARE THIS:
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SAWAMI VIVEKANANAD THE GREATEST SAINT FOREVER !!!January 28, 2018
स्वामी विवेकानन्द ( बांग्ला: স্বামী বিবেকানন্দ जन्म: १२ जनवरी,१८६३ – को कुलीन कायस्थ परिवार में, ब्रह्मलीन : ४ जुलाई,१९०२ ) विवेकानन्द वेदान्त के विख्यात दार्शनिक, सनातन धर्म के महान विचारक , प्रभावशाली उपदेशक , युगदृष्टा संत , ब्रह्मज्ञानी आध्यात्मिक गुरु थे। उनका सांसारिक जन्म नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। उन्होंने अमेरिकास्थित शिकागो में सन् १८९३ में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था। भारत का आध्यात्मिकता से परिपूर्ण वेदान्त दर्शन अमेरिका और यूरोप के हर एक देश में स्वामी विवेकानन्द की वक्तृता के कारण ही पहुँचा। उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापनाकी….
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ॐ शांति शांति शांति सर्वत्र चहुँ और शांति की प्रार्थनाOctober 30, 2017
ॐ ! विश्वानि देव सवितर्दुरितानि परा सुव ! यद् भद्रंतन्न आ सुव* !! ॐ ! हे सकल जगत के उत्पत्तिकर्ता , समस्त ऐश्वर्यो व सुखो के दाता सर्वशक्तिमान सूर्य देव ! आप कृपा करके हमारे समस्त दुर्गुण , दुर्व्यसन , दुर्दिनों एवम दुःखो को दूर कर दीजिये , और जो कुछ अच्छा और कल्याणकारी है वह हमें प्राप्त कराइए ! Om. vishvani deva savitar-durtani parasuva. Yad bhadram tanna asuva. Om. O God, the creator of the universe and the Giver of all hapiness. Keep us far from bad habits, bad deeds, and calamities. May we attain everything that is auspicious ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षँ शान्ति:, पृथ्वी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति: वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:, सर्वँ….SHARE THIS:
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शुभ दीपावलीOctober 20, 2017
ॐ असतो मा सद्गमय । तमसो मा ज्योतिर्गमय । मृत्योर्मा अमृतं गमय । ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ ” है परमपिता परमात्मा ईश्वर ॐ हम सभी को असत्य से सत्य की राह दिखाना, हम सभी को अज्ञानता से ज्ञान की और ले जाना, हम सभी को मृत्यु से अमरत्व तक ले चलना| ॐ शांति शांति शांति||” ” Om, Lead us from Unreality (of Transitory Existence) to the Reality (of the Eternal Self), Lead us from the Darkness (of Ignorance) to the Light (of Spiritual Knowledge), Lead us from the Fear of Death to the Knowledge of Immortality. Om Peace, Peace,….SHARE THIS:
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* शुभ दीपावली श्री महालक्ष्मी पूजा * श्री देवी कवचं * अश्विनी नक्षत्र * वशिष्ठ ऋषि और उनकी वंशपरंपरा
* परमहंस योगानन्द (5 जनवरी 1893 – 7 मार्च 1952)एक महान आध्यात्मिक गुरू, योगी, संत, लेखक, दिव्यादृष्टा विचारक * सनातन दस महाविद्या पूजा * वेद एवं उपनिषदों के महा मंत्र ज्ञान के अजस्त्र स्त्रोत महासागर * SAWAMI VIVEKANANAD THE GREATEST SAINT FOREVER !!! * ॐ शांति शांति शांति सर्वत्र चहुँ और शांति की प्रार्थना * शुभ दीपावली * “निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है” भारतीय नागरिकों, लोकतंत्र की बहूतबड़ी जीत
* क्या है आधार, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, होगा 30 जून से आधार अनिवार्य * तत्वमसि * बाहुबली the conclusion * आदि शंकराचार्य अद्वैत वेदांत के प्रणेता, ब्रह्म और जीव मूलतः और तत्वतः एकहैं
* वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया कहते हैं, पौराणिक ग्रंथों मान्यताओ के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किये जाते हैं,उनका अक्षय फल मिलता है,इसे अत्यंत स्वयंसिद्ध मुहूर्त माना जाता हे * अष्ट चिरंजीवी * शिव ही प्रकृति हे, प्रकृति ही शिव, वह ही लय प्रलय हे, वही आदि सृजन और अनंत हे, वह रूद्र महादेव महेश हे,अमरनाथ केदारेश्वर विश्वनाथ सोमनाथ हे, केलाश मैकाल और ओंकार भी वही हे, वह ही कालो का भी काल, महाकालहे!
* शुभ् हनुमान् जन्मोत्सव, मनोजवं मारूततुल्य वेगं, जितेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं, वातात्मजं वानरयूथ मुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपध्दे: * यज्ञ, योग की विधि है जो परमात्मा द्वारा ही हृदय में सम्पन्न होती है। जीव के अपने सत्य परिचय जो परमात्मा का अभिन्न ज्ञान और अनुभव है, यज्ञ की पूर्णता है * महाकाल स्त्रोतम * स्वस्तिक मंत्र या स्वस्ति मन्त्र शुभ और शांति के लिए प्रयुक्त होता है। स्वस्ति = सु + अस्ति = कल्याण हो। * भारतीय संसकृति में सर्वाधिक महत्ता है शांति पाठ मन्त्र की * श्री राम नवमी महापर्व पर मंगलकामनाए : नौमी तिथि मधुमास पुनीता, सुकल पच्छ अभिजित हरिप्रीता। मध्य दिवस अति सीत न घामा, पावन काल लोक बिश्रामा।। * देवी माँ के सिद्ध 52 शक्तिपी * लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती आचार्य सोहन लाल द्विवेदी * गायत्री मंत्र साधना * जय माँ श्री गढ़कालिका देवी सदा प्रसन्न रहे ॐ एं ह्रीम श्रीम् क्लिं चामुण्डायै विच्च्ये !! * वर्ष प्रतिपदा पर भगवा ध्वज लहराए, लोगो ने एक दुसरे को शुभकामनाये दे, सनातन भारतीय नववर्ष का आनंद उत्सव मनाया * पण्डित श्रीराम शर्मा आचार्य रचित युगनिर्माण सत्संकल्प में सम्पूर्ण सनातन उदेश्यो मूल्यों आदर्शो का, सरल सहज आचरण पद्धति के, स्वरुप में समावेश हे * नोटा से bhi बदतर् वोट दे, इरोम को मणिपुरियो नेनाकारा
* सायबर सुरक्षा, रफ़्तार और पहुँच से जुड़ा इन्टरनेट इंफ़्रास्ट्रक्चर तैयार करे बिना कैशलेस या डिजीटल व्यवहार यथार्त में परिणित होना दुष्कर * कला विधा वाणी बुद्धि की अधिष्ठात्री वाग्देवी की प्रतिमा को लेकर आंदोलित हैं देशवासी * शुभ गणतंत्र महापर्व, लोकतंत्र और गणतंत्र * ऋग्वेद : मनुर्भव – मनुष्य बनो ! * “तन्मे मनः शिवसङ्कल्पमस्तु” हम सबका मन सदैव शुभ और कल्याणकारी संकल्पों से युक्त हो * ॐ ईशावास्यमिदँ सर्वं यत्किञ्च जगत्यां जगत्। तेन त्यक्तेन भुञ्जीथाः मा गृधः कस्यस्विद्धनम्॥ * धारा 370 जम्मू कश्मीर पहले से भारत का अभिन्न अंग,विलय अन्य रियासतों के समानअंतिम
* छत्रपति शिवाजी महाराज का हिन्दू स्वराज्य और सुशासनमंत्र
* क्रांति शिरोमणि पण्डित चन्द्रशेखर ‘आजाद’ प्रखर देशभक्त * रंगों का त्यौहार होली भारत का अत्यंत प्राचीन पर्व है जो होली, होलिका या होलाका नाम से मनाया जाता हें, वसंत की ऋतु में हर्षोल्लास के साथ मनाए जाने के कारण इसे वसंतोत्सव और काम-महोत्सव भी कहा गयाहै
* संस्कृत और भारतीयो के महत्त्व के गर्व पूर्ण रोचकतथ्य
* समस्त ऐश्वर्यों की अधिष्ठात्री और अपार धन सम्पत्तियों को देने वाली महालक्ष्मी की आराधना * सनातन धर्म के संस्कार हिन्दू धर्म आधारीत रीति-रिवाज़ है जिसमें जन्म के पूर्व से लेकर मृत्यु के बाद तक के विभिन्न संस्कारो के विधि-विधान का समावेश है * स्वस्तिवाचन अर्थात मंगलकामनाये से प्रारंभ होते हे सनातन धर्म के अनुष्ठान * शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्। हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम् वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम् !! शुभ वसंतोत्सव महापर्व * हम करे राष्ट्र आराधन * वेद विश्व के प्राचीनतम साहित्य हैं,सनातन हिन्दुओं के आधारभूत धर्मग्रन्थ, जिन्हें ईश्वर की वाणी माना जाता है,जिनके मन्त्र आज भी प्रासंगिक * “चरैवेति चरैवेति” * सं गच्छध्वं सं वद्ध्वं सं वो मनांसि जानताम् । देव भागं यथापूर्वे संजानाना उपासते ।। ऋग्वेद 10/191/2 * हिंदु, वो व्यक्ति है जो भारत को अपनी पितृभूमि और अपनी पुण्यभूमि दोनो मानताहै
* महान ऋषियों शाष्त्रो ने युगों युगों पूर्व पृथ्वीपुत्र युद्धदेव लाल ग्रह अंगारक मंगल की व्याख्या स्पस्ट की * भगवान् परशुराम * जय श्री चिन्तामण इच्छामन सिद्धिविनायक गणपति देव * भगवा ध्वज प्राचीन भारत,शाश्वत सनातन हिन्दू संस्कृति एवं धर्म का प्रतीक है * भारत के राष्ट्रीय ध्वज जिसे तिरंगा की ऊपरी पट्टी में केसरिया रंग है जो देश की शक्ति और साहस को दर्शाता है, बीच की पट्टी का श्वेत धर्म चक्र के साथ शांति और सत्य का प्रतीक है, निचली हरी पट्टी उर्वरता, वृद्धि और भूमि की पवित्रता को दर्शाती है, सफ़ेद पट्टी पर बने चक्र को धर्म चक्र कहते हैं, इस धर्म चक्र को विधि का चक्र कहते हैं जो तृतीय शताब्दी ईसा पूर्व मौर्य सम्राट अशोक द्वारा बनाए गए सारनाथ मंदिर से लिया गया है, इस चक्र को प्रदर्शित करने का आशय यह है कि जीवन गतिशील है और रुकने का अर्थ मृत्यु है * उज्जैन के महात्मय के अनुरूप हे ये नाम उज्जयिनी, अवन्तिका, प्रतिकल्पा, कनकश्रृंगा, कुशस्थली, पद्मावती, कुमुद्वती, अमरावती, विशाला, अम्बिका, हिरण्यवती, भोगवती, नवतेरी नगर, शिवपुरी * राष्ट्र संत स्वामी विवेकानंद की 152 वीं जयंती, भारत में उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मनाया जाता है. * गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरूर्देवो महेश्वरः, गुरूर साक्षात परम ब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः !! * जय माँ हो श्री हरसिद्धि देवी सदा प्रसन्न !! * चीन हे सर्वदा से भारत का सबसे बड़ा शत्रु * दुनिया के सबसे ऊंचे दुर्गम और निर्मम युद्धक्षेत्र सियाचिन पर भारतीय सेना की मोजुदगी कितनी जटिल और चुनोतिपूर्ण * सिंहस्थ महाकुंभ क्षिप्रा तट उज्जयिनी, अद्भुत अलौकिक आनंदौल्लास पूर्ण अकल्पनीय अवर्णननीय महापर्व महोत्सव * स्तूता मया वरदा वेद माता प्रचोदयंताम् पावमानी द्विजानाम् आयुः प्राणं प्रजाम् पशुं कीर्तिम् द्रविणं ब्रह्मवर्चसं मह्यम् द्वत्वा वृजत् ब्रह्मलोकं * ॐ नमः शिवाय् * “बसुधैव कुटुम्बकम” के स्वरुप संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय का भ्रमण , मानव अधिकार , निशस्त्रीकरण और सतत धारणीय विकास आदि पर अंतराष्ट्रीय संगोष्ठी , दृश्य श्रव्य प्रदर्श के अवलोकन श्रवण सम्मिलन का अवसर मिला * 11 सितंबर 2001 हमले का अमेरिकीयो ने दिया दृढ़ संकल्प इच्छाशक्ति और अदम्य शौर्य से आतंकियो को कड़ा ज़बाब * हिंदी 100 करोड़ से अधिक लोगो द्वारा समझी बोली पढ़ी लिखी जाने वाली विश्व की दूसरी बड़ी भाषा * कृषको में उधमशीलता विकसित कर ही रोकी जा सकती हे, देश में 5 लाख करोड़ की फल सब्जी उपज की प्रति वर्ष कि राष्ट्रीय हानि * स्थिरं मनश्चकृषे जात ! इंद्र वेषीदेको युधये भूय सशिच्त !! ऋग्वेद 5/30/4 * श्री देवी माँ के दिव्य 52 शक्तिपीठ दर्शन * उज्जयिनी के क्षिप्रा तट पर सिंहस्थ महाकुम्भ में समुद्रमंथन से प्राप्त 14रत्नों
* महान् क्रांतिकारी देशभक्त भगतसिंह * वन्दे मातरम् ! * योग एक आध्यात्मिक प्रकिया * वृक्ष, ब्रम्हांड की विषाक्तता हरने वाले “नीलकंठ महादेव” * जय श्री माँ हरसिद्धि देवी हो सदा प्रसन्न! जागृयाम : मंथनविशेष
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